गोदान – प्रेमचंद का साहित्य केवल गांधीवाद की शिक्षा नहीं देता; केवल स्वाधीनता की लड़ाई की कहानी नहीं कहता! उनका साहित्य किसान की; साधारण जनता की; उनके साथ काम करने वाले बुद्धिजीवियों को सबक देता है कि किस तरह जनता को साथ लेकर चलने वाला नेता; राष्ट्रप्रेमी; देशप्रेमी और राष्ट्रीयता के लिए संघर्ष करनेवाले लोग मूलतः और अन्ततः अपने वर्ग-हित के लिए लड़ते हैं और उनके वर्ग-हित पर जब चोट पड़ती है; तो चोला बदल लेते हैं; पला बदल लेते हैं; बाना बदल लेते हैं; पक्ष बदल लेते हैं और उनके विरूद्ध चले जाते हैं!
Medium: Audio Books
Bildformat:
Studio: Storyside IN
Erscheinungsdatum: