नवीन चौधरी का यह उपन्यास बीती सदी के अंतिम दशक की छात्र-राजनीति के दांव-पेंच और उन्हीं के बीच पलते और दम तोड़ते मोहब्बत के किस्सों को बहुत जीवंत ढंग से सामने लाता है. जनता स्टोर; जो होने को जयपुर की एक दुकान भी है और और नहीं होने को वह देश भी है; जिसमें स्टोर करने की क्षमता बहुत है; जनता नहीं है.
Medium: Audio Books
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Studio: Storyside IN
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