वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध लेखक प्रभात रंजन लघु प्रेम की बड़ी कहानियाँ ‚कोठगोई : चतुर्भुज स्थान के किस्से‘ पर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक इम्तियाज़ अली का कहना है – ‚बोरिंग चीज़ें नहीं चलती; जिनमें रस होता है वही चलती हैं; वही देर तक मौजूद रहती हैं। कोठों की किस्सागोई मुल्क के बदलते वक़्त का दिलचस्प और यादगार मकाम है। किस्से गुमनाम गायिकाओं के हैं। जिनको समाज ने बदनाम कहा। लेकिन उनकी श्रेष्ठ कला को लोग भूलते जा रहे हैं। उन बदनाम कही जाने वाली गायिकाओं की विरासत को एक सलाम है ‚कोठगोई’। प्रभात रंजन की कोठगोई इस संस्कृति से प्रेरित किस्सों का एक मज़ेदार संग्रह है।‘ (C) 2018 Vani Prakashan
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