लक्ष्मण रामायण के एक आदर्श पात्र हैं. इनको शेषनाग का अवतार माना जाता है. रामायण के अनुसार; राजा दशरथ के तीसरे पुत्र थे; उनकी माता सुमित्रा थीं. वे राम के छोटे भाई थे; इन दोनों भाइयों में अपार प्रेम था. उन्होंने राम-सीता के साथ 14 वर्षाें का वनवास काटा. मंदिरों में अक्सर ही राम-सीता के साथ उनकी भी पूजा होती है. लक्ष्मण हर कला में निपुण थे; चाहे वो मल्लयुद्ध हो या धनुर्विद्या. लक्ष्मण एक आदर्श अनुज हैं. राम को पिता ने वनवास दिया; किंतु लक्ष्मण राम के साथ स्वेच्छा से वन गमन करते हैं – ज्येष्ठानुवृति; स्नेह तथा धर्मभाव के कारण. डॉ. विनय ने उपन्यासिक शैली में लक्ष्मण का अद्भुत वर्णन किया है।
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